Sunday, 13 April 2008

अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो

...भाग्य के द्वारा ही तो , योग्य वर पा जाती हूँ .....
माया के कारन ही तो धू धू कर जल जाती हूँ ...
बाप की पगड़ी के खातिर , कितने कितने गरल पी लेती हूँ
तन की क्या बात करूँ जब , धड़कने तक लूट जाती है
अहसासों की कुछ बात करें गर, अर्थिया उठ जाती है
कितनी है वे खुशनसीब जिनको मिल जाता है कफ़न ...
हाँ मैं वही बेटी हूँ ...मुझे रोक लो मत पढने दो , बाँध लो मुझे मत बढ़ने दो। बहन भी हूँ ...पत्नी भी रहूंगी ...माँ भी बनूंगी , उसका जीवन मत गढ़ने दो। खीच लो मुझे मत चढ़ने दो , मत थामों मुझे, गिरने दो। आसमानों को छू सकती , रोक लो मुझे मत udane दो ...हंसती हूँ , खिलखिलाती हूँ , छेरो मुझे और रोने दो। सपने सच कर लुंगी ...सपने मत बुनने दो कंही अपनी न कहूं ...सबकी सुन लेनो दो , मंजिल न पा लूँ ...मुझे मत चलने दो। तुम कुछ भो करो ...कुछ भी चाहो ...तुम जहाँ बढ़ो मैं वहीं बधुंगी , तुम जहाँ रुके मैं वही रुकुंगी। जग सो भी जाय मैं जगी रहूंगी । kertawyon से नही दिगुंगी । तुम चाहते हो की फ़ुट परूँ, girgiraun और दिल मेरा बोल paren अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजो .... हूँ ... सब कामों को मैं कर लुंगी ...सब मुसीबतों को हर लुंगी। मैं बेटी हूँ , सबका जीवन महका दूंगी ...जितना कुचलना है , कुचल दो मुझे ...तुम्हारा जीवन खिला जाउंगी । chalakti तो है मेरी आँखें भी , तरसते मन भी हैं । रुकी हुई है धरकने, रुकी रुकी सांसे भी है ...डगमगा रही हूँ मैं लेकिन मैं बेटी हूँ मेरी भावनाएं बार बार उमरते घूमेरते और उफान मारते यही कहती है और कहती रहेगी - अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो ।
बदचलन हूँ मैं , मोहे बिटिया ही कीजो - सुना है, शहरें आज बेटियों के लिए सुरक्चित नही हैं। कुछ कहते हैं , बिंदास होती लड़कियों ने सारा माहौल ख़राब कर रखा है। मैंने भी हमारी सामाजिक ताना बाना को बिगारने मैं सहयोग किया है। बिंदास मैं तभी हो गई जब पारिवारिक कारन या जुनूनी स्वभाव ने मुझे काम पेर लगने को मजबूर किया। और जब काम से देर शाम लौटने लगी, बदचलन होने मैं देर नही लगी। andheri शाम मैं घूरते चेहरे और ghoorte चेहरों में कुछ बोलती आँखें बदचलन का सर्टिफिकेट देने को आतुर रही । हाँ , मैं बदचलन हूँ, काम पर जाती हूँ और देर तलक lautti हूँ लेकिन उन सामाजिक ठेकेदारों जैसी बहाया नहीं । jinhone सुनसान galiyon और अंधेरों में मुझे आजमाने की कोशिश की और बात बनती नज़र नहीं आने पर बेटियों को बदचलनी की तमगा पहना डाला।
आगे है और कई कारन जो अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो की भावना को और मजबूत करती है । dalan और चौराहों की बेटियाँ अगर सहमत हो तो अपनी भावना को प्रेषित करें......

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